भारत में शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है, जिसमें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार आयोजित करने का निर्णय लिया है। CBSE Board Exam 2026 से New Policy लागू होगा और इसका उद्देश्य छात्रों के लिए परीक्षा के दबाव को कम करना और सीखने की प्रक्रिया को अधिक लचीला बनाना है। इस नए सिस्टम से छात्रों को दो अवसर मिलेंगे, जिससे वे अपनी तैयारी और प्रदर्शन को बेहतर कर सकेंगे।
Why was this decision made?

सीबीएसई के इस निर्णय के पीछे एक बड़ा उद्देश्य है: परीक्षा का दबाव कम करना। कई सालों से भारत में बोर्ड परीक्षा छात्रों और अभिभावकों के लिए अत्यधिक तनाव का कारण रही है। एक ही परीक्षा में सफल या असफल होने से छात्रों पर मानसिक दबाव पड़ता था। यह नया कदम छात्रों को यह सुनिश्चित करने का मौका देगा कि वे अपनी क्षमता के अनुसार परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
What are the new rules and how will the system work?
1. First Board Exam: Mandatory and in February
कक्षा 10 के छात्रों के लिए पहली परीक्षा फरवरी में अनिवार्य रूप से होगी। इस परीक्षा में पूरे साल का पाठ्यक्रम शामिल होगा और इसका परिणाम अप्रैल तक घोषित किया जाएगा। यह छात्रों को अपनी तैयारी का मूल्यांकन करने और सुधारने का मौका देगा।
2. Second Board Exam: Optional and in May
दूसरी परीक्षा मई में वैकल्पिक रूप से आयोजित की जाएगी। यह उन छात्रों के लिए होगी जो अपनी पहली परीक्षा के परिणाम से संतुष्ट नहीं हैं और अपनी स्कोर को सुधारना चाहते हैं। इस परीक्षा में तीन मुख्य विषयों तक के अंक सुधारने का अवसर मिलेगा।
Best Score Considered
सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यदि छात्र दोनों परीक्षाओं में शामिल होते हैं, तो उन्हें सर्वश्रेष्ठ अंक के आधार पर ही अंतिम परिणाम मिलेगा।
CBSE Board Exam 2026 Internal Assessments and Exam Pattern
आंतरिक मूल्यांकन एक बार होगा, वह भी पहली परीक्षा से पहले। परीक्षा का पैटर्न और पाठ्यक्रम अपरिवर्तित रहेगा।
Special Provisions and Rules
- Winter Schools: सर्दी वाले क्षेत्रों में स्थित स्कूलों के छात्रों को दोनों परीक्षा चरणों में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलेगा।
- Athlete Students: जो छात्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भाग ले रहे हैं, उनके लिए दूसरी परीक्षा चरण में सुधार का मौका होगा।
Important Rule: अगर कोई छात्र तीन या अधिक विषयों में पहली परीक्षा में असफल रहता है, तो उसे दूसरी परीक्षा में बैठने का मौका नहीं मिलेगा और उसे अगले साल फिर से परीक्षा देनी होगी।
The Future of Supplementary and Improvement Exams
नई प्रणाली के तहत, पूरक और सुधार परीक्षाएं अब नहीं होंगी। मई के दूसरे चरण की परीक्षा ही इन दोनों का स्थान लेगी, जिससे प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा।
Reactions from the Education Community

Positive Aspects:
- Stress Reduction: छात्रों पर परीक्षा के दबाव को कम करना।
- Flexibility: छात्रों को अपने प्रदर्शन को सुधारने का दूसरा मौका मिलेगा।
- Focus on Learning: यह प्रणाली रटने की बजाय छात्रों को समझने पर जोर देगी।
Concerns:
- Logistics: साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करना स्कूलों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- Teacher Workload: शिक्षकों पर अतिरिक्त कार्यभार हो सकता है।
- Student Attitude: कुछ विशेषज्ञों को चिंता है कि छात्र पहली परीक्षा को हलके में ले सकते हैं क्योंकि उन्हें सुधारने का दूसरा मौका मिलेगा।
Will the Same System Be Applied to Class 12

अभी के लिए, यह नई प्रणाली केवल कक्षा 10 के छात्रों के लिए लागू है, लेकिन सीबीएसई ने संकेत दिया है कि यदि यह सिस्टम सफल होता है, तो भविष्य में कक्षा 12 के लिए भी इस पर विचार किया जा सकता है।
Conclusion
सीबीएसई का यह नया निर्णय भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह छात्रों को अधिक लचीलापन और अवसर प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी क्षमता का अधिकतम उपयोग कर सकेंगे। हालांकि कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं, लेकिन इस फैसले से छात्रों को एक बेहतर और तनाव-मुक्त शैक्षिक माहौल मिलेगा।
आप इस बदलाव के बारे में क्या सोचते हैं? क्या आपको लगता है कि यह कदम छात्रों के लिए फायदेमंद होगा? अपने विचार हमारे साथ साझा करें और इस महत्वपूर्ण बदलाव को लेकर अपनी राय नीचे Comment बॉक्स में लिखें।